Posts

Showing posts from May, 2021

एक ऐसे दलित, पिछड़ों, अतिपिछड़ों के नेता जो हुए थे ,Guinness book of world में शामिल।

Image
जी हां हम बात कर रहे हैं आज बिहार के उस दलित नेता की जो बिहार की राजनीति की एक मिसाल थे दलित पिछड़ों के मसीहा हुआ करते थे जिनके बिना बिहार की राजनीति की एक पीढ़ी अधूरी सी लगती है। वही नेता जो बौद्ध धर्म अपना रहे दलितों के आरक्षण के लिए सरकार को मजबूर किया, जो कभी वाजपेई जी की सरकार 1 वोट से गिरा दिये  जो कभी मुस्लिम मुख्यमंत्री के नाम पर राष्ट्रपति शासन लगवा दिए जी हां वह दलित नेता कोई और नहीं हम बात कर रहे हैं आज रामविलास पासवान जी की। आइए जानते हैं उनके शुरुआती जीवन के बारे में:- रामविलास पासवान जी का जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले के शहरबनी गांव के एक दलित परिवार में था। उनके पिता जामुन पासवान और उनकी माता सियादेवी थी। पासवान ने कोशी कॉलेज खगड़िया से लॉ की पढ़ाई तथा m.a. की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से पूरा किया फिर 1969 में उन्हें बिहार पुलिस में D.S.P के पद के लिए चुना गया था। 1969 में ही पासवान जी को विधानसभा के लिए संयुक्ता समाजसेवी पार्टी (United Socialist party)ने अलौली विधानसभा से उम्मीदवार बनाया जो कि एक आरक्षित सीट था और उन्होंने यहीं से खाकी के बदले खादी को ...

कौन है आनंद मोहन? कैसे हुई इनकी गिरफ्तारी? आखिर क्यों सोशल मीडिया पर चल रहा इनके रिहाई का अभियान?

Image
बिहार की राजनीति में बाहुबलियों का दबदबा शुरू से ही चलता रहा है जो कि बिहार की राजनीति में आम बात हो गई है और बिहार की राजनीति में बाहुबलियों का आना जाना लगा रहता है उन्हीं में से एक नाम आता है शिवहर से पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन सिंह जी का:- आइए जानते हैं आनंद मोहन सिंह के बचपन की कुछ बातें  28 जनवरी 1954 को कोशी की धरती पर पैदा हुए आनंद मोहन सिंह बिहार के सहरसा जिले के पंचगछिया गांव से आते हैं उनके दादा जी राम बहादुर सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे आनंद मोहन सिंह शुरू से ही एक बदमाश बालक रहे थे और यही कारण है कि मात्र 17 साल की उम्र में ही राजनीतिक गलियारों में पहुंच चुके थे। आनंद मोहन सिंह जी का परिवारिक परिचय:- नाम:-    आनंद मोहन   सिंह पार्टनर:- लवली आनंद बच्चे:-      चेतन आनंद, सुरभि आनंद   आइए जानते हैं उनके राजनीतिक सफर के बारे में कैसे थे वह एक बाहुबली नेता?                  आनंद मोहन सिंह जी का राजनीतिक से वास्तविक परिचय जयप्रकाश नारायण के संपूर्णण क्रांति आंदोलन के दौरान हुआ और उनके राजनीतिक ...